कारगिल की जंग के दौरान दुश्मन ऊंची चोटियों पर बने बंकर में छिपे बैठे थे। पिनाका रॉकेट का इस्तेमाल कर दुश्मन के ठिकानों को नष्ट किया गया था। पिनाका का नया वर्जन बनकर तैयार हो गया है। यह पिनाका मार्क वन की तुलना में अधिक सटीक है। इसे पिनाका गाइडेड रॉकेट नाम दिया गया है। पिनाका मार्क वन का रेंज 40 किलोमीटर है। वहीं, पिनाका गाइडेड रॉकेट 80 किलोमीटर तक मार करता है। डिफेंस एक्सपो में पिनाका मार्क वन और पिनाका गाइडेड रॉकेट दोनों को दिखाया गया है।
4 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा है रफ्तार
डीआरडीओ द्वारा विकसित किए गए पिनाका गाइडेड रॉकेट का टेस्ट सफल रहा है। अब इसका प्रोडक्शन शुरू होने वाला है। इसे आर्मी के लिए सोलार इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड बनाती है। कंपनी के अधिकारी बताते हैं कि गाइडेड होने के चलते यह टारगेट पर मिसाइल की तरह सटीक वार करता है। रॉकेट टारगेट तक 4000 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक की रफ्तार से पहुंचता है। रॉकेट में गाइडेड नेविगेशन कंट्रोल सिस्टम लगा है। यह सिस्टम रॉकेट को सटीक बनाता है। यह टारगेट प्वाइंट के 10-30 मीटर के रेंज में गिरता है।
रॉकेट का इस्तेमाल युद्धक्षेत्र में भारी तबाही मचाने के लिए होता है। एक लॉन्चर में 12 रॉकेट लगते हैं। सभी रॉकेट को 40 सेकेंड के अंदर फायर किया जा सकता है। इतने अधिक रॉकेट को एकसाथ फायर करने के चलते टारगेट इलाके में भारी तबाही होती है। पिनाका मार्क वन वॉल्यूम पर निर्भर करता था। टारगेट को नष्ट करने के लिए उस इलाके में काफी सारे रॉकेट दागे जाते थे। नए वर्जन से टारगेट को सटीकता से नष्ट किया जा सकता है।